5 राज्य, 72 घंटे, 76 मौतें और ₹4000 करोड़ का नुकसा... भारतीय राज्यों में भारी बारिश की क्या है वजह?
देश में जिस समय मानसून का दौर चल रहा है और उस समय यह जो बारिश के सूचना हैं वह कहीं ना कहीं आपके नजरों के सामने आ ही रहे होंगे सूचनाओं में कहीं ना कहीं प्रिंटेड मीडिया या डिजिटल मीडिया और उसके साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी क्या चल रहा है वह भी जान लीजिए सोशल मीडिया पर इस समय ऐसी वीडियो की भरमार है जिसके देखने के बाद ऐसा लगने लगा है कि ऐसा अगर मेरे सामने हो जाए तो मेरा क्या होगा वह वाला भाव जो आपके मानव मस्तिष्क मे आता है वह मानव मस्तिष्क में आने वाले कुछ वीडियोस आज मैं भी लेकर आया हूं क्योंकि आपदा कुछ इस प्रकार से बनी है कि देख कर यह लग रहा है कि क्या कभी बारिश का हाल उत्तराखंड में 2013 में हुआ था जिसमें केदारनाथ के अंदर एक जलीये त्रासदी हुई थी लगभग 5000 से अधिक लोग मारे गए थे लगभग वैसा ही सिस्टम फिलहाल हिमाचल प्रदेश में बना हुआ दिख रहा है क्या कभी आज से 10 साल पहले 2013 में दो वेदर अरब सागर से उठा हुआ साउथवेस्ट मानसून और बंगाल की खाड़ी शाखा जब 2013 में उत्तराखंड में मिली तो बादल फटने जैसी घटनाएं एवं भीषण बारिश हुई थी वैसे ही बारिश फिलहाल हिमाचल प्रदेश में देखने को मिली है इसकी वीडियोस की भरमार है आज के ब्लॉग में जिक्र करेंगे लगभग 72 घंटों में 76 मौतें रिकॉर्ड हो चुकी है 4000 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है और आपको यह भी ज्ञात होगा कि जो भी नदी पहाड़ों से निकालकर मैदानी क्षेत्रों में आती है चाहे हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड से निकलकर मैदान में बहने वाली फिर चाहे यमुना हो या चाहे व्यास नदी हो यह वह सभी नादिया इस समय आपने बाहाव लेवल के उच्चतम स्तर पर बह रही है जिनके कारण आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की घटना देखी जा रही है आज के ब्लॉग में इन विषयों के ऊपर जिक्र करते हैं आइए आगे बढ़ते हैं
देखिए आपके सामने यहां पर कुछ तस्वीरें हैं जिन्हें देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं यह तस्वीरें हैं मोहाली की और चंडीगढ़ के आसपास के क्षेत्रों की है जहां पर आप को मोटरसाइकिल को एक व्यक्ति ले जाते दिख रहा
यह वीडियो इस समय बहुत हद तक वायरल हो रहा हैजिसमें एक लैंड सलाइड का वीडियो दिखाई पड़ रहा है और लैंडस्लाइ जो देखने को मिले इस वीडियो को ध्यान से देखने पर यह पता चलता है कि पहाड़ का एक हिस्सा टूटता है पानी बह कर के अपने साथ ना जाने कितने घर, कितने पेंड, कितने मीटृी अपने साथ लेकर चला जाता है जाकर के एक भीषण सैलाब का माहौल बनाता है और पूरे क्षेत्र को प्रभावित कर देता है
खबर निकालकर आती है कि फ्लैश फ्लड के कुछ वैभव देखने को मिले हैं सोलन क्षेत्र के अंदर 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है 1 साल के भीतर जहां 105mm बारिश दर्ज 1971 में की गई थी उसका रिकॉर्ड टूट गया है 135 एमएम बारिश दर्ज की गई है केवल 1 दिन के अंदर 1993 में जो पुणे के अंदर जो 30 साल का अपना रिकॉर्ड है
हिमाचल के अंदर नदियों के अंदर जल कुछ इस प्रकार से दिखाई दिया कि ट्रक भी खिलौने की तरह नदी के अंदर बहती चली जा रही है
यही कुछ मनाली में भी देखी गई और कुछ स्टेशन जो पंजाब के हिमाचल से जस्ट नीचे उतारते हुए क्षेत्र है वहां पर कुछ इस तरह की बिल्डिंग में ग्राउंड लेवल तक पूरा-पूरा जहां पार्किंग होती है वो पूरी तरह पानी में भरा हुआ दिखाई दिया
अगर आप मनाली की तस्वीरें देखे तो मनाली में जो लोग टूरिस्ट स्पॉट के रूप में गए थे उनकी गाड़ियां किस प्रकार से बहकर के खिलौने की तरह पानी में बहती दिख रही है इन तस्वीरों से अंदाजा लगा सकते हैं
कुछ इस प्रकार की खबरें हैं कि 500 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए और 330 से ज्यादा लोग हिमाचल में बाढ़ से मारे जा चुके हैं दिल्ली में भी इसका प्रभाव दिखा है दिल्ली में इसके वजह से ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है बिहार उत्तर प्रदेश में 13 जुलाई तक अभी और बारिश की संभावना व्यक्त की जा रही है हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली, यूपी, और पंजाब में 6 दिनों से लगातार बारिश हो रही है हिमाचल में 24 घंटों में 39 जगहों लैंडस्लाइड हुआ पिछले 72 घंटों में देश के अलग-अलग राज्यों में 76 लोगों की जान चली गई है यूपी में 34, हिमाचल में 20, जम्मू-कश्मीर में 15, दिल्ली में 5, और राजस्थान और हरियाणा में एक एक के की मौत हुई
दिल्ली में यमुना नदी का बहाव लेवल खतरे की निशानी को पार कर गया है मंगलवार सुबह 8:00 बजे तक नदी का पानी 206.32 मीटर पर बह रहा था 1978 में हाईएस्ट 207. 49 मीटर तक गया था
हिमाचल में 1460 के 800 पेयजल योजनाएं और 45 100 के करीब बिजली के ट्रांसफार्मर प्रभावित हुई है
बारिश आने की असली वजह : अरब सागर से चलकर जो मानसून आता है इस बार 16 जून को ही प्रभावित हो गया था उसके बाद अरब सागर वाली शाखा है उत्तराखंड के अस्थान पर इस बार हिमाचल प्रदेश में पहुंची है और बंगाल की खाड़ी से आने वाली जो मानसून की शाखा है वह अभी इस प्रकार से इस क्षेत्र में पहुंची है तो हिमाचल प्रदेश में अरब सागर से आने वाली बारिश और बंगाल की खाड़ी से आने वाली बारिश साथ ही पश्चिमी विक्षोभ के कारण आने वाली बारिश इस बार हिमाचल प्रदेश में मिले रही है जो पहले कभी उत्तराखंड में मिलती थी 10 साल बाद से दो वेदर सिस्टम एक साथ हिमाचल प्रदेश में टक्कर रहे हैं
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